RE: दीदी को चुदवाया
दीदी हां तुम जीते मैं हारी पर तुम्हे मामा और मेरे बीच और डबु वाली बात कैसे पता चली। कंही डबु के साथ तुम भी
रानु अब अपनी जवान होती बहन पर नज़र रखना परता है ना नहीँ तो हर कोई दीदी को चोदता रहेगा और भाई को कुछ पता भी नहीँ चलेगा और मैने सही कहा था आप है ना दमदार मामा के अलावा भी तीन चार वाउ कैसे ले लेती हो दीदी आप इतना
दीदी हट बदमाश हर समय अपनी बहन पर परा रहता है
रानु दीदी मे ना होता तो आपका डबु वाला प्लान कैसे कामयाब होता सोचो।अब जो वादा वाला बात है कुछ उसका भी तो कहो क्या दोगी भाई को
दीदी हम्म छोड अब तू ही बोल अपनी दीदी से क्या चाहता है
रानु दीदी चाहता तो आपसे बहुत कुछ हुं पर अभी लाकडाउन में जो तुम्हारा वीचार हो वही कहो।अपने लंड को पेंट के ऊपर से सहलाते हुए
दीदी अब बोल ना भाई क्या करना होगा मुझे
रानु दीदी अब मैं क्या बोलूँ अब आप समझो लो । जीसमे दोनो का कुछ भला हो जाये। दीदी के साथ सटकर बैठते हुए और थोड़ा लंड को एडजस्ट करते हुये कहा
दीदी अरे रानु तो कोई भी बात खुल कर क्यों नहीँ कहता हैबोल क्या करना होगा मुझे? जो बोलना है बोल मे तो बोल ही चुकी हुं पीछे नहीँ हटुंगी
रानु वो जो डबु है ना आप के साथ र्गुप सेक्स करने वाला था ना उसमें मुझे भी रहना था आपको पता है।
दीदी क्या कह रहा है रानु तू अपनी दीदी से ये सब कैसे कर सकता है
रानु दीदी प्लीज मान जाओ ना लंड को फिर से एडजस्ट करते हुये । आप तो इतने के साथ कर लेती हो तो मेरे साथ क्या होगा प्लीज दीदी । कहते हुए दीदी की मोटी जांघो को सहलाने लगा दीदी कुछ नहीँ होगा प्लीज। ऐसे भी आपने कहा था मे जो कहुंगा आप करोगी
दीदी जो कहा था मतलब चुदाई थोडे कहा था।
रानु उतना दीन से तो आपने भी तो नहीँ लीया है अंदर से आप भी तो गीली हो बोलो क्या होगा। दीदी की जांघ को सहलाते सहलाते दीदी की पीठ पर हाथ फेर ने लगा दीदी कोई वीरोध नहीँ कर रही थी बस थोड़ा झीझक आपस में था। फिर आपने तो डबु को बोला भी था मामा के बारे में बुर लंड में कोई रिस्ता कंहा होता है अब कहो सब को बाटती हो भाई को डाँटती हो।
दीदी हम्म तुझे तो लगता है डबु सब बात कह देता है अरे फिर भी तेरे साथ कैसे करुंगी ये सब ।
रानु दीदी की पीठ से हाथ बढा कर दीदी की चुचीयो को हल्के से सहलाया था की दीदी कीआह निकल गयी और मुझमें चीपटते हुये बोली आह रानु मुझे कुछ हो रहा है भाई ऐसे मत कर भाई
रानु दीदी को गोद में बिठा कर गाल और गर्दन चुमते हुये गांड को पीछे से सहला कर पुछा क्या हो रहा है दीदी। दीदी रानु पुरा शरीर जल रहा है भाई क्या कर रहा है अब दीदी पूरे गर्मी में मेरे पीछे हांथ गरा कर बोले जा रही थी छोड़ ना रानु अपनी दीदी को। मैं दीदी छोड़ ही तो रहा हुं दीदी की गांड को कस कर दबोचते हुए फेर दीदी से कहा दीदी दोगी?
दीदी सीसकते हुये क्या लेगा दीदी से ले ले आह रानु
रानु दीदी तुम्हारी गाड़ लेना है दोगी
दीदी सीर्फ गांड लेगा अपनी दीदी की अब दीदी नीचे से पुरा भार मेरे लंड पर देते हुये मुझे किस करते हुये कहे जा रही थी लेना भाई पुरा अपनी दीदी को ले खा जा भाई अपनी दीदी को हम्म उसने पलंग पर मुझे ढकेलते हुए लीटा दीया और अपनी ऊपर के ड्रेस खोल दीया
मैं तो आज ख़ुशी से पागल हो रहा था कंहा चार साल से बस दीदी को चुदते देख रहा था और आज दीदी के बुर गाड़ सब में मेरा लंड जाने ववाला था मे तो झ से दीदी को अपने से नीचे उतार कर उसका नीचे के कपदा पैंटी सहीत खीच दीया अब दीदी की पनीयाल बुर गांड सब मेरे सामने पुरा बुर चपचप कर रहा था फिर भी मे देर न करते हुये दीदी के बुर में अपना मुंह घुसा दीया और दोनों हाथो से दीदी की दोनों टांगे खोल फैला कर जीतना हो सके अंदर जीभ डाल कर दीदी के बुर को चाटने लगा बुर का स्वाद तो थोड़ा कसेना नमकीन लग रहा था पर मज़ा बहुत आ रहा दीदी भी पुरा सपोर्ट कर रही थी जीतना हो सके टांग छीताड रह थी और मेरे सर को अपने अंदर खींच रही थी। आज तो मेरी कीस्मत तो पूछो मत। मे खुद पागल हो रहा था पांच मिनट तक दीदी के बुर को चाटने और दांत से काटने के बाद दीदी को थोड़ा उठाया दीदी तो थोडी मोटीहै तो दीदी की एकदम मस्त गांड सामने आ गयी बुर जो पानी निकला था वो दीदी के गांड को भी गीला किये था तो उसे भी चाटा तो दीदी एकदम सीहर गई मुझे पकड़ने लगी मैं दीदी के हाथ को झटक कर फिर उनका गांड चाटने लगा दीदी उहह आह किये जा रही थी अब थोडां गांड को और खीच के गाड के छेद से बुर तक चाटने पर दीदी पुरा शीहर जाती और लम्बी सांसे लेने लगती थी मेरा पुरा ध्यान बस दीदी के बुर और गांड के छेद को चाटने में लगा हुआ था क्योंकी दीदी कोई कुवांरी कली तो थी नहीँ ईसलीये बुर का झील्ली पुरा लटका हुआ था उसपर दांत गराता और ईधर दीदी पुरा सीसकी लीये जा रही थी हम्म ओह
अब मैं भी देर न करते हुये अपने कपडो को खोल कर लंड सीधा दीदी के बुर में एक जगह थोड़ा टाइट लगा और झटका मारा दीदी थोड़ा आह की और घपघप चुदाई चालू बीना देर कीये दीदी को चापना चालू कर दीया ईधर दीदी पुरा मुंह से सीसकी ले रही थी । चुकी मेरा लंड बहुत देर से उठ बैठ कर रहा था तो ज्यादा देर तक टीका नहीँ और दीदी के बुर में ही सब माल गिरा दीया।इसमें भी दी से पुछने की कोई ज़रूरत नही थी बस जब लास्ट बुंद लगा की निकल गया तब दीदी के मोटे मोटे चुचीयो पर लेट गया।दीदी की सांसे जब स्थिर हुई तो बोली रानु अंदर ही गिरा दीया क्या
मैने कहां आज तो मौका मिला था पहली बार तो अंदर ही ना ऐसे भी तुमको कौन सा परेशानी है सब तो अंदर ही गीरवाती हो मैने भी अंदर ही डाल दीया
दीदी बाप रे तू तो पुरा मेरे पर जासुसी करता रहता है इसका मतलब तो तू पुरा देखता था उस छेद से
मैं दीदी आपकी दोनो टांग उठा कर चुदाई मेरा फेवरट शो है जब मामा और उनके दोस्त सब आपको चोदते थे तो मे पुरा शो देखता था आप कैसे कभी घोडी बनती कभी आपको जब वे सब दोनो छेद में लंड डालते और ऊपर से आप किसी का लंड चूस रही होती थी बहुत मज़ा आता था।आप की अवाज नहीँ आती थी पर आप का ऐक्शप्रेशन देख कर समझ जाता था की आपको बहुत मज़ा आ रहा होता था।
दीदी तू तो बहुत कमीना निकला रे मुझे तो ये पता नहीँ था की तू मुझमें इतना इंटरेस्ट लेता है चल और बता अभी मज़ा आया की नहीँ मन भरा तेरा अपनी दीदी की बुर लेके।
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